Saturday, 9 October 2021

जहाँ भी हो, यादों में हो

जहाँ भी हो, यादों में हो
ख्वाबो में हो, खयालो में हो
मेरे दिन में हो, रातो में हो
सवालो में हो, जवाबो में हो
मेरे हर सफर के रास्तों में हो
उस सफर में हुई बातो में हो
मेरी खाई हुई कसमो में हो
रिवाजो में हो, रस्मो में हो
मेरी चुनी हुई हर राहो में हो 
हर लिखी हुई किताबो में हो
जहाँ भी हो, यादों में हो
उम्मीद है एक दिन मेरी बाहो में हो

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