Monday, 16 May 2022

अप्सरा

कान में झुमका
होंठो पे लाली
और छः गज़ के कपड़े में लिपटा उसका बदन
जैसे अप्सरा सी वो
मुस्कान लिए चली आ रही
कमर को इस तरह मटकाते
कि उसके हर कदम से
मेरे दिल की धड़कन बढ़ रही
और जैसे जैसे वो पास आई
उसके बदन से आती
भीनी भीनी खुशबू
मुझे मदहोश किये जा रही थी
वो और पास आई
और कुछ ऐसे कयामत ढाई
की बस मेरा मुँह खुला रह गया
और वो हँसते हुए निकल गयी

1 comment:

मनीषा said...

बहुत खूब 👌

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