Tuesday, 25 April 2023

कभी शौक से हमारे महखाने में वक्त गुजारने आना

कभी शौक से हमारे महखाने में वक्त गुजारने आना
थोड़ी शराब पीकर खराब दिन की सूरत सुधारने आना

मिजाज़ कुछ उखड़ा उखड़ा रहता है तुम्हारा अपनो से
रूठे हुए रिश्तों को जाम की खनक से मनाने आना

कहानियां किस्से तो बहुत हुए होंगे तुम्हारे साथ भी
कभी फुर्सत से वो कहानियां किस्से दोबारा सुनाने आना

और वो जो गम छुपा है तुम्हारी झूठी मुस्कान के पीछे
दो जाम पीकर उस काली रात को भुलाने आना

माना दो जाम से कुछ होने नही वाला तुम्हारा यहाँ
कुछ नही तो दो पल खुशी के तुम चुराने आना

Monday, 17 April 2023

भाग गई वो दूर, बहुत दूर

उसके भागने से पहले ही रोक लेते
एक बार सुन लेते उसकी बात
और ये मत कहना की उसने बताया ही नहीं
अनगिनत कोशिशें की थी उसने
पर तुमने ध्यान ही नहीं दिया

परेशान थी वो
तुमसे
तुम्हारी दकियानूसी सोच से
समाज से
खुद से

दम घुटता था उसका
आंसू तो ऐसे बहते थे अकेले में
जैसे किसी ने नल खुला छोड़ दिया हो
इसीलिए अकेले रहना पसंद नहीं था उसे
इसीलिए घर में पैर नहीं टिकते थे उसके

कभी दोस्तो से मिलना
कभी शादी पार्टी में जाना
कभी पार्क में यूंही घंटो चक्कर लगाना
ये सब तो बहाने थे

तुम फिर भी नहीं समझे
या शायद तुम भी
खुद में इतना मशगूल थे
की समझने का वक्त ही नहीं मिला
की जो जैसा दिखता है वैसा होता नहीं 
क्युकी गहराई बहुत है
मानवीय क्रियाओं और उनके पीछे छुपी भावनाओं की

इसलिए एक बार अगर बात की होती उससे
तो शायद वो अपनी भावनाओं के बांध के दरवाजे खोल देती
और जो समेट कर रखे थे आंसू वो बह पड़ते
उदासी की दास्तान सुना देती वो
और उम्मीद करती की तुम समझ जाओगे

खैर अब क्या मतलब ये सब सोचने से
भाग गई वो दूर तुम सबसे
या शायद
भाग गई वो दूर, बहुत दूर, खुद से

Wednesday, 1 March 2023

ख़्वाहिश है तेरे प्यार में बदनाम हो जाउ

ख़्वाहिश है तेरे प्यार में बदनाम हो जाउ
जो तू ना मिले तो मैं गुमनाम हो जाउ

इक नज़र जो तू देख ले इस नाचीज़ को
तेरी आँखों से छलकता जाम हो जाउ

सूरत तेरी कुछ इस तरह निहारता रहू
यहीं बैठे बैठे सुबह से शाम हो जाउ

जो गुज़ारनी पड़े तेरी ख़्वाहिश में जिंदगी
तो मैं खुशी खुशी नाकाम हो जाउ